I was really impressed by the movie "Gulaal" based on dirty politics in Rajasthan. Anurag Kashyap, the director has its own style to portrait his script. But I was overwhelmed by lyrics and dialogues of the movie, all credits to Piyush Mishra. Here are few lines from the song "Duniya". Similar to the movie, the lyrics is hard hitting and very true. Read this friends !
"पलछिन में रातें चली जाती हैं ,
पलछिन में बातें चली जाती हैं !
रह जाते हैं जो सवेरा वो ढूंढें,
जलते मकान में बसेरा वो ढूंढें !!
जैसी बची है वैसी की वैसी, बचा लो ये दुनिया,
अपना समझ के अपनों के जैसी, उठा लो ये दुनिया !
छिटपुट सी बातों में जलने लगेगी, संभालो ये दुनिया,
कट पिट के रातों में पलने लगेगी, संभालो ये दुनिया !!
ओह री दुनिया, ओह री दुनिया...
वो कहें हैं की दुनिया ये इतनी नहीं है,
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं !
ये हम ही नहीं, वहां और भी हैं,
हमारी हर एक बात होती वहीँ हैं !!
हमें ऐतराज़ नहीं हैं कहीं भी,
वो आई है फाजिल हम पे सही की!
मगर फलसफा ये बिगड़ जाता है जो,
वो कहते है..
आलिम ये कहता वहां इश्वर हैं !
फाजिल ये कहता वहां अल्लाह हैं,
काफिर ये कहता वहां ईसा हैं !!
मंजिल ये कहती तब इन्सान से की,
तुम्हारी हैं तुम ही संभालो ये दुनिया !
ये उजड़े हुए चंद बासी चरागों,
तुम्हारे ये काले इरादों की दुनिया !!
ओह री दुनिया, ओह री दुनिया..."
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